श्री विष्णु आरती

ॐ जय जगदीश हरे,स्वामी जय जगदीश हरे

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Last updated Sun, 19-Mar-2023 Hindi-gujarati
पूजा के लाभ

पूजाविधि के चरण
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पूजन सामग्री
वर्णन

ॐ जय जगदीश हरे,स्वामी जय जगदीश हरे

भक्त जनों के संकट,दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ||

 || ॐ जय जगदीश हरे ||

 जो ध्यावे फल पावे, दुख विनसे मन का

स्वामी दुख विनसे मन का ,सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ||

 || ॐ जय जगदीश हरे ||

मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी

स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ,तुम बिन और न दूजा, आस करूं मैं जिसकी ||

 || ॐ जय जगदीश हरे ||

तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी

स्वामी तुम अंतर्यामी ,पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी ||

 || ॐ जय जगदीश हरे ||

तुम करुणा के सागर, तुम पालन कर्ता

स्वामी तुम पालन कर्ता ,मैं मूरख खल कामी , कृपा करो भर्ता ||

 || ॐ जय जगदीश हरे ||

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति,

स्वामी सबके प्राणपति, किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति ||

 || ॐ जय जगदीश हरे ||

दीनबंधु दुखहर्ता, ठाकुर तुम मेरे,

स्वामी ठाकुर तुम मेरे ,अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा मैं तेरे ||

 || ॐ जय जगदीश हरे ||

विषय विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा,

स्वामी पाप हरो देवा, श्रद्धा भक्ति बढ़ा‌ओ, संतन की सेवा ||

 || ॐ जय जगदीश हरे ||

 श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे,

स्वामी जो कोई नर गावे।

 कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे ||

 || ॐ जय जगदीश हरे ||