श्री विन्ध्येश्वरी आरती

सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, कोई तेरा पार ना पाया ।

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Last updated Sun, 19-Mar-2023 Hindi-gujarati
पूजा के लाभ

पूजाविधि के चरण
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पूजन सामग्री
वर्णन

सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, कोई तेरा पार ना पाया ।

पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले तेरी भेट .चढ़ाया

 ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी .. ॥

 सुवा चोली तेरी अंग विराजे, केसर तिलक लगाया

 ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी .. ॥

 नंगे पग माँ अकबर आया, सोने का छत्र चढ़ाया

 ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी .. ॥

 उँचे पर्वत बन्यो देवालय, नीचे शहर बसाया

 ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी .. ॥

 सतयुग, द्वापर, त्रेता मध्ये, कलयुग राज सवाया

 ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी .. ॥

 धूप दीप नैवेद्य आरती, मोहन भोग लगाया

 ॥सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी .. ॥

 ध्यानू भगत मैया तेरे गुण गाया, मनवांछित् फल पाया

 ॥सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी .. ॥

 

॥ इति श्री विन्ध्येश्वरी आरती ॥