श्रावण मास के कृष्ण (वद) पक्ष में आनेवाली एकादशी को अजा एकादशी कहते है। इसे जया / कृष्णैकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
इस व्रत को करने से पूर्व जन्म की सभी बाधाएं दूर हो जाती है यह व्रत निराहार रहकर या अल्पाहार लेकर किया जाता है।
अजा एकादशी व्रत को विधिवत करके अजा एकादशी व्रत कथा सुनने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश हो जाता है और अंत में सद्गति को प्राप्त होता है।
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पुराणों में अजा एकादशी को जया एकादशी भी कहा गया है।इसे कामिका या अन्नदा एकादशी भी कहा जाता है। इस एकादशी पर भगवान विष्णु के \'उपेन्द्र\' स्वरूप की पूजा अराधना की जाती है तथा रात्रि जागरण किया जाता है। इस दिन व्रत और भगवान विष्णु की पूजा का महत्व बताया गया है।
ऐसा करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इस व्रत को धारण करने वाले जातक सभी कष्टों से निवारण पाते हैं। तथा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
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