श्री दुर्गा आरती

ॐ जय अम्बे गौरी ,मैया जय श्यामा गौरी I

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Last updated Tue, 14-Mar-2023 Hindi-gujarati
पूजा के लाभ

पूजाविधि के चरण
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पूजन सामग्री
वर्णन

ॐ जय अम्बे गौरी ,मैया जय श्यामा गौरी I

तुमको निशदिन ध्यावत हरी ब्रह्मा शिवजी II

॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

मांग सिन्दूर विराजत टीको मृगमद को I

उज्जवल से दोउ नैना चन्द्रवदन नीको II

॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे I

रक्तपुष्प गल माला कण्ठन पर साजे II

॥ॐ जय अम्बे गौरी॥

केहरि वाहन राजत खड्ग खप्पर धारी I

सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुःख हारी II

॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती I

कोटिक चन्द्र दिवाकर सम राजत ज्योति II

ॐ जय अम्बे गौरी॥

शुम्भ निशुम्भ विदारे महिषासुर घाती I

धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती II

॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

चंड मुंड संहारे शोणित बीज हरे I

मधु कैटभ दोउ मारे सुर भयहीन करे II

॥ॐ जय अम्बे गौरी॥

ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी I

आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी II

॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

चौसठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरों I

बाजत ताल मृदंगा अरु बाजत डमरू II

॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता I

भक्तन की दुःख हरता सुख सम्पति करता II

॥ॐ जय अम्बे गौरी॥

भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी I

मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी II

॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती I

श्रीमालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति II

॥ॐ जय अम्बे गौरी॥

श्री अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावे I

कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित पावे II