श्री बटुक आरती

जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा , सुर नर मुनि सब करते प्रभु तुम्हरी सेवा ॥

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Last updated Tue, 14-Mar-2023 Hindi-gujarati
पूजा के लाभ

पूजाविधि के चरण
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पूजन सामग्री
वर्णन

जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा ,

सुर नर मुनि सब करते प्रभु तुम्हरी सेवा ॥

तुम पाप उद्धारक दु:ख सिन्धु तारक,

भक्तों के सुखकारक भीषण वपु धारक ॥

वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी,

महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी॥

तुम बिन शिव सेवा सफल नहीं होवे,

चतुर्वतिका दीपक दर्शन दु:ख खोवे ॥

तेल चटकि दधि मिश्रित भाशावलि तेरी,

कृपा किजिये भैरव करिये नहीं देरी ॥

पाँवों घूंघरू बाजत डमरू डमकावत,

बटुकनाथ बन बालक जन मन हरषावत ॥

बटुकनाथ की आरती जो कोई जबन गावे ,

कहे ‘धरणीधर’ वह नर मन वांछितफल पावे ॥

॥ इति श्री बटुक आरती ॥