श्री काली आरती

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली

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Last updated Tue, 14-Mar-2023 Hindi-gujarati
पूजा के लाभ

पूजाविधि के चरण
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पूजन सामग्री
वर्णन


अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली ।

तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ॥

माता तेरे भक्त जनों पे भीर पड़ी है भारी ।

दानव दल पर टूट पडो माँ, करके सिंह सवारी ॥

सौ सौ सिंहों से तु बलशाली, दस भुजाओं वाली ।

दुखिंयों के दुखडें निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ॥

माँ बेटे का है इस जग में, बडा ही निर्मल नाता ।

पूत कपूत सूने हैं पर ना, माता सुनी कुमाता ॥

सब पर करुणा दरसाने वाली, अमृत बरसाने वाली ।

दुखियों के दुखडे निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ॥

नहीं मांगते धन और दौलत, ना चाँदी ना सोना ।

हम तो मांगे माँ तेरे मन में, एक छोटा सा कोना ॥

सबकी बिगडी बनाने वाली, लाज बचाने वाली ।

सतियों के सत को संवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली ।

तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ॥

 

॥ इति श्री काली आरती ॥