श्री सूर्य आरती

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥

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Last updated Sun, 19-Mar-2023 Hindi-gujarati
पूजा के लाभ

पूजाविधि के चरण
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पूजन सामग्री
वर्णन

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥

 ॥जय कश्यप-नन्दन .. ॥

सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।

दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥

 ॥ जय कश्यप-नन्दन .. ॥

सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित, विमल विभवशाली।

अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥

 ॥जय कश्यप-नन्दन .. ॥

सकल – सुकर्म – प्रसविता, सविता शुभकारी।

विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी॥

 ॥ जय कश्यप-नन्दन .. ॥

कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।

सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा॥

॥जय कश्यप-नन्दन .. ॥

 नेत्र-व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी।

वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥

 ॥ जय कश्यप-नन्दन .. ॥

सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।

हर अज्ञान-मोह सब, तत्त्वज्ञान दीजै॥

 ॥ जय कश्यप-नन्दन .. ॥

 

॥ इति श्री सूर्य आरती ॥