श्री संतोषी माता आरती

जय संतोषी माता,मैया जय संतोषी माता । अपने सेवक जन को,सुख संपति दाता ॥

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Last updated Sun, 19-Mar-2023 Hindi-gujarati
पूजा के लाभ

पूजाविधि के चरण
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पूजन सामग्री
वर्णन

जय संतोषी माता,मैया जय संतोषी माता ।

अपने सेवक जन को,सुख संपति दाता ॥

 ॥ॐ जय संतोषी माता ॥

सुंदर चीर सुनहरी,मां धारण कीन्हों ।

हीरा पन्ना दमके,तन श्रृंगार लीन्हों ॥

 ॥ ॐ जय संतोषी माता ॥

गेरू लाल छटा छवि,बदन कमल सोहे ।

मंदर हंसत करूणामयी,त्रिभुवन मन मोहे ॥

 ॥ ॐ जय संतोषी माता ॥

 स्वर्ण सिंहासन बैठी,चंवर ढुरे प्यारे ।

धूप, दीप,नैवैद्य,मधुमेवा,भोग धरें न्यारे ॥

 ॥ ॐ जय संतोषी माता ॥

गुड़ अरु चना परमप्रिय,तामें संतोष कियो।

संतोषी कहलाई,भक्तन वैभव दियो ॥

 ॥ ॐ जय संतोषी माता ॥

शुक्रवार प्रिय मानत,आज दिवस सोही ।

भक्त मण्डली छाई,कथा सुनत मोही ॥

 ॥ॐ जय संतोषी माता ॥

मंदिर जगमग ज्योति,मंगल ध्वनि छाई ।

विनय करें हम बालक,चरनन सिर नाई ॥

॥ ॐ जय संतोषी माता ॥

भक्ति भावमय पूजा,अंगीकृत कीजै ।

जो मन बसे हमारे,इच्छा फल दीजै ॥

 ॥ ॐ जय संतोषी माता ॥

दुखी,दरिद्री ,रोगी ,संकटमुक्त किए ।

बहु धनधान्य भरे घर,सुख सौभाग्य दिए ॥

 ॥ ॐ जय संतोषी माता ॥

ध्यान धर्यो जिस जन ने,मनवांछित फल पायो ।

पूजा कथा श्रवण कर,घर आनंद आयो ॥

 ॥ॐ जय संतोषी माता ॥

 शरण गहे की लज्जा,राखियो जगदंबे ।

संकट तू ही निवारे,दयामयी अंबे ॥

 ॥ ॐ जय संतोषी माता ॥

संतोषी मां की आरती,जो कोई नर गावे ।

ॠद्धिसिद्धि सुख संपत्ति,जी भरकर पावे ॥

 ॥ ॐ जय संतोषी माता ॥