धनतेरस पूजा

प्रतिवर्ष अश्विन (आसो ) मास की कृष्‍णपक्ष की त्रयोदशी यानी तेरस को मनाया जाता है। इसी दिन से दीपावली शुरू हो जाती है।
इसी दिन देवताओ का वैद्य धनवंतरि जी समुद्र मथंन के समय अमृत का घड़ा लेकर प्रकट हुऐ थे। इसके अलावा इस दिन माता लक्ष्‍मी जी व भगवान कुबेर की पूजा का महत्‍व है जिन्‍हे धन के देवी देवता कहा जाता है। ( उत्तरी भारत में कार्तिक मास होगा )इस दिन वैदिक देवता यमराज का भी पूजन किया जात हे।

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Eligible For Puja: Anyone 0 Students enrolled
Last updated Wed, 04-Nov-2020 Hindi-gujarati
पूजा के लाभ
  • यह घर पर सभी के स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक समस्याओं के लिए फायदेमंद है।
  • पूजा लंबे जीवन, महत्वपूर्ण ऊर्जा के लिए की जाती है और अधिक युवा स्थितियों को बहाल करने में मदद करती है।
  • पुरानी बीमारियों और शरीर की अन्य बीमारियों से उबरने में मदद करता है।
  • बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी खतरों से बचाता है।

पूजाविधि के चरण
00:50:12 Hours
स्थापन
1 Lessons 00:08:22 Hours
  • Sthapna 00:08:22
  • Sankalp 00:08:22
  • Ganesh or Lakshmi Puja 00:08:22
  • Katha 00:08:22
  • Aarti 00:08:22
  • Prasad 00:08:22
पूजन सामग्री
  • Bajoth - 1 Piece
  • Patlo - 1 Piece
  • Red or Yellow cloth - 1 Meter Each
  • Kalash - 1 Piece
  • Shrifal (Coconut) -1 Piece
  • Dry Fruits - 100 Gram
  • Panchamrut - 1 Bowl (250 Ml)
  • Flowers verity of colours - As Per Requirement
  • Asopalav Leaves - 10 Pieces
  • Sweets for prashad - As per requirements
  • Fruits - As Per Requirement
  • Plats / Bowl / Spoons - As per requirements
  • Dhoop - 1 Pack
  • Diya - 11 Pieces
  • Chandan Powder- 1 Pack of approx 20 Gram
  • Bhasma Powder - 1 Pack of approx 20 Gram
  • Nadachadi - 1 Pack
  • Janoi - 1 Piece
  • Attar - 20 ml
  • Ganesh ji murti/photo - 1
  • Lakshmi ji photo - 1
वर्णन

के अनुसार हर साल कार्तिक कृष्ण की त्रयोदशी के दिन धनवंतरि त्रयोदशी मनाई जाती है. इसे ही धनतेरस (Dhanteras) कहा जाता है. समुद्र मंथन में आज के समय ही धनवंतरि प्रकट हुए थे और आज के दिन को ही आयुर्वेद के देवता धनवंतरि के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. धन संपति की प्राप्ति हेतु कुबेर देवता के लिए घर के पूजा स्थल पर दीप दान एवं मृत्यु देवता यमराज के लिए मुख्य द्वार पर भी दीप दान करने का विधान है.

धनतेरस (Dhanteras) के दिन घर में नई चीज खासकर बर्तन और सोना चांदी खरीदने की प्रथा है. इस पर्व पर बर्तन खरीदने की शुरुआत कब और कैसे हुई, इसका कोई निश्चित प्रमाण नहीं है, लेकिन एक मान्यता के अनुसार जन्म के समय धनवंतरि के हाथों में अमृत कलश था. यही कारण होगा कि लोग इस दिन बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं. वैसे आज अगर बात की जाए तो लोग इस दिन बर्तन और सोना चांदी के अलावा अन्य दूसरी चीजें भी खरीदते हैं