गणेशोत्सव पूजा / स्थापना

इसे सुनें अनंत चतुर्दशी को लेखन कार्य संपन्न हुआ। वेदव्यास ने देखा कि, गणपति का शारीरिक तापमान फिर भी बहुत बढ़ा हुआ है और उनके शरीर पर लेप की गई मिट्टी सूखकर झड़ रही है, तो वेदव्यास ने उन्हें पानी में डाल दिया। इन दस दिनों में वेदव्यास ने गणेश जी को खाने के लिए विभिन्न पदार्थ दिए। तभी से गणपति सुस्थापित करने की प्रथा चल पड़ी।

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Last updated Sat, 29-Jan-2022 Hindi-gujarati
पूजा के लाभ
  • आप धैर्यवान हो जाएंगे।
  • ज्ञानी बन जाओगे। .
  • आपकी आत्मा शुद्ध हो जाएगी।
  • आपका जीवन शांतिपूर्ण रहेगा।

पूजाविधि के चरण
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स्थापन
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पूजन सामग्री
  • 1)बाजोठ -२ नंग और 2) पाटला -२ नंग
  • लाल वस्त्र - सवा मीटर
  • गणपति जी की मूर्ति या फोटो
  • कलश ( ताम्बा ) -1
  • श्रीफल -२
  • पंचपात्र (करी)-तटोरभाणु(थाली)-आचमनी(चम्मच ) - ३ नंग सब
  • नागरवेल के पान - ५ कपूरी पान
  • आसोपालव का तोरण
  • फूलो के हार -2 और फूल अलग से
  • नाराछड़ी / मौली
  • जनेऊ -1 नंग
  • धरो -दूर्वा
  • कुमकुम ( रोली ) - १० ग्राम
  • चावल - १० ग्राम स्थापना
  • अबीर -१० ग्राम
  • गुलाल - १० ग्राम
  • सिंदूर१० ग्राम
  • लौंग -१० ग्राम
  • पंचमेवा - २५० ग्राम ( काजू,बादाम ,किशमिश,चिरौंजी,छुआरे )
  • देशी घी - ५०० ग्राम
  • पांच मिठाई - ५०० ग्राम
  • धुप - अगरबत्ती -१ पैकेट
  • २ दीपक ,और ५ दिए
  • गणपति के नैवेद्य - गुड़ और घी
  • गंगाजल और पानी - आवश्यकता अनुसार
  • पंचामृत - दूध ,दही, घी, शहद,शक़्कर
  • दीपक - रुई - कपूर
वर्णन

हिन्दू धरम शास्त्रों के अनुसार किसी भी शुभ काम के करने से पहले गणेश पूजन  आवशयक हैं । इससे प्रसन्न होकर गणेश जी सारे काम निर्विध्न कर देते हैं. गणेश पूजन की सरल विधि  जो आप आसानी से घर पर खुद ही कर सके हैं।

सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ़ कपडे पहनकर ही गणेश पूजन करना चाहिए

गणपति पूजन शुरू करने से पहले सकंल्प लें। संकल्प करने से पहले हाथों में जल, फूल व चावल लें। सकंल्प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस वर्ष, उस वार, तिथि उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोलें। अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें।