सर्व देवो में गणेश जी को सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। इनकी पूजा से सारे विघ्न दूर होते हैं, इसलिए इन्हें विघ्नहर्ता और विघ्नविनाशक भी कहा जाता है।
गणेश भगवान बुद्धि के देवता हैं। मनुष्य को बुद्धि और बल प्राप्त होता है। भगवान गणेश जहां विराजते हैं, वहां रिद्धि-सिद्धि और शुभ लाभ भी विराजते हैं। गणेश कीकृपा से घर में शुभता और संपन्नता बनी रहती है।
हर देव की तरह गणेश जी की पूजा आराधना के लिए भी कई मंत्र और स्तोत्र हैं। इन्हीं में से एक है ''संकट नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ'' यह स्तोत्र बहुत ही सिद्ध स्तोत्र माना गया है। संकट नाशन गणेश स्तोत्र के बारे में कहा जाता है कि यह पाठ करने से बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है।
इस पाठ को किसी बुधवार से शुरू कर सकते हैं यदि इस पाठ को आप शुक्ल पक्ष का बुधवार से आरंभ करते हैं तो और भी शुभ रहेगा। गणेश स्तोत्र का पाठ आपको नियमित रूप से 40 दिनों तक लगातार करना है।
अपनी किसी खास मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं तो इसे 11 या 21 बुधवार तक या 11 या 21 दिनों तक करने का संकल्प लें । पहले दिन ही भगवान गणेश के समक्ष अपनी मनोकामना को कह दें और उनसे इसे पूरा करने की विनती करें। उसके बाद इसका पाठ शुरू करें। ध्यान रहे कि जो प्रण आपने लिया है, उसे पूरा जरूर करेंअन्यथा विपरीत प्रभाव झेलना पड़ सकता है ।
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