श्री राधा आरती

आरती श्री वृषभानुसुता की,मंजुल मूर्ति मोहन ममता की।

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Last updated Sun, 19-Mar-2023 Hindi-gujarati
पूजा के लाभ

पूजाविधि के चरण
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पूजन सामग्री
वर्णन

आरती श्री वृषभानुसुता की,मंजुल मूर्ति मोहन ममता की।

त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,विमल विवेकविराग विकासिनि।

पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,सुन्दरतम छवि सुन्दरता की।

।आरती श्री वृषभानुसुता की ।

 मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,मधुर मनोहर मूरति सोहनि।

अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,प्रिय अति सदा सखी ललिता की।

।आरती श्री वृषभानुसुता की ।

 संतत सेव्य सत मुनि जनकी,आकर अमित दिव्यगुन गनकी।

आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी,अति अमूल्य सम्पति समता की।

।आरती श्री वृषभानुसुता की ।

कृष्णात्मिका, कृषण सहचारिणि,चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि।

जगज्जननि जग दुखनिवारिणि,आदि अनादिशक्ति विभुता की।

 ।आरती श्री वृषभानुसुता की ।